झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के टाटीझरिया प्रखंड से सुनीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है, कि वो सहिया भी हैं, और वो कोरोना वायरस के बारे में कुछ बताना चाहतीं है ,उनके अंदर में 19 साहियाँ है और वो सभी गांव में घूम घूम कर सर्वेट कर रही है जो बहार से आये हुए हैं, जिनको सर्दी खासी है वो फ़ौरन बतायें उनका इलाज कराया जायेगा और सभी लोग 1 मीटर कि दुरी बना कर रहें। गांव के लोगो की समस्याओं को भी देखने का काम करती हैं।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिले के तांती झरिया प्रखंड से सुनीता देवी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि कोरोना के बारे में गाँव वालों को जागरूक कर रही हैं। सफाई का ध्यान रखना,बाहर से आये लोगों के साथ दुरी बना कर रखना और कोरोना संक्रमित को चौदह दिनों तक अकेले रहना,इत्यादि की जानकारी देती हैं.

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ के पंचायत टाटीझरिया से किरण देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वह टाटीझरिया पंचायत की मुखिया है।वह कोरोना वाइरस को लेकर हर व्यक्ति को समझा रही है।वह लोगों को बताती है कि लोगों से दुरी बनाकर रखना है तथा सेनिटाइजर का उपयोग करना है। वही वह लोगों को राशन भी उपलब्ध करा रही है और विकलांगो के लिए भी सुविधा उपलब्ध कराने पर ध्यान दे रही है

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिले से सीता राम मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहते हैं कि जिस प्रकार वह अपने कामो के लिए लिए जाते थे। जब उन्होंने अपनी पत्नी को घर के कामो को करते हुए देखा तो उन्हें बहुत तकलीफ हुई। उसके बाद वह भी अपनी पत्नी का घर के कामो में पूरा सहयोग करने लगें

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिले से पूजा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम कोरोना वायरस के कारन आज पूरा विश्व महामारी से जूझ रहा है। सरकार के द्वारा हरेक नियमों का पालन भी करते हैं। साथ ही कोरोना वायरस से अपने आपको स्वच्छ रखना चाहिए। साथ ही सरकार के हर योजनाओं का लाभ भी उठाना चाहिए

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के टाटीझरिया से सबीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहतीं है, कि वो कुछ महिलाओं के साथ मिल कर महिला ग्रुप चलतीं हैं।महिला ग्रुप में महिलाओं के साथ हो रही हिंसा को लिखतीं हैं, महिलाओं के प्रति जो भेद-भाव है, होता है, उसे लिखतीं हैं, तो घर से ही उन्हें कहा जाता है, बहुत मैडम बन गयी हो ,मैडम बन कर रेजिस्टर लिख रही हो।लड़कियों के साथ भी ऐसा ही होता है ,महिलाओं और लड़कियों के साथ जब घर वालों से ही सहयोग नहीं मिलता है, तो समाज वाले तो आरोप लगायें ही।