झारखण्ड राज्य के चतरा जिले से अनीता ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि मुखिया होने के कारण ये अपने परिवार को समय नही दे पाती थीं। कोरोना महामारी के कारण परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिला। साथ ही इनका कहना है कि महिला मुखिया होने के नाते अपने पंचायत में आदिम जान जातियों के बिच में निजी खर्चे से साबुन,सेनेटाइजर,खाद्यसामग्री और वस्त्र वितरण किए। बाहर घूमती महिलाओं को लॉकडाउन का पालन करने को कहती हैं ,ताकि हम इस महामारी से बच सकें। अपने पंचायत में प्रचार प्रसार के लिए दिवार लेखन कर रहे हैं। प्रवासी मजदूरों को सरकार की मदद से लाने का प्रयास किया जा रहा है