झारखण्ड राज्य के जिला चतरा के गंधरिया पंचायत से पूनम कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उनमें नीलिमा की कहानी सुनकर बहुत हिम्मत आयी है।घर से बाहर निकलना और महिला को सशक्त होना बहुत जरुरी है।महिला के सशक्त नहीं रहने से उसके साथ हिंसा होती है, जिसे वे पहचान भी नहीं पाती है और सही कदम या सही निर्णय नहीं ले पाती है।उनके गावं की एक महिला जो की एटीएस का काम कर रही थी उनके घरवाले उन्हें प्रशिक्षण में भाग लेने नहीं दिए जिसके कारण वे कई माह तक मायके रहने चली गयी। जब उनके घरवालो को समझाया गया तब वे मान गए और अभी उस महिला को काम करने दे रहे है ।