झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के चेडरा पंचायत से सुनीता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये बताना चाहती है,कि नीलिमा एक महिला है,और इस कहानी से ये सिख मिली कि पहले महिलायें घर से बहार नहीं निकलतीं थी,पर अब महिलायें घर से बाहर निकल रहीं हैं,और अपनी समस्याओं को को ला रही है,आगे बढ़ रहीं है,पहले किसी महिला के साथ हिंसा होती थी,तो एक महिला दूसरी महिला से बोलती थी,तो और कहती कि ये गलत कर रही है ,परन्तु हिम्मत नहीं होता थी ,कि उस महिला को समझाएं कि आखिर वो क्यों हिंसा बर्दास्त कर रही है, उस महिला कि मज़बूरी को कोई नहीं समझता था।नीलिमा की कहानी से सिख मिलती है,कि अगर कोई महिला ये बताती है,कि उस के साथ हिंसा हो रही है ,तो दोनों महिला को मिल कर उस समस्या को रोकने का काम करना चाहिए।नीलिमा की कहानी से ये भी सिख मिली है,कि आज हम अपनी बेटियों को आगे बढ़ने से रोक नहीं सकते हैं।लड़कियों को हर चीज़ में आगे बढ़ा रहें हैं,और लड़कियों कि शादी 18 साल की उम्र के बाद ही करनी चाहिए।