झारखंड के हजारीबाग के केरला पंचायत से आशा देवी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहना चाहती हैं कि पहले वे एक साधारण महिला थीं ,जब वे आरक्षण से चुन कर आयीं और पंचायत प्रतिनिधि बनीं साथ में वे एक शिक्षिका भी बनी। फिर पंचायत के बैठक में उन्होंने नारीवाद ,लिंग भेद भाव के बारे में जानकारी हासिल कर पाई। आशा देवी का कहना है कि वे दुसरी महिलाओं को भी इसकी जानकारी देते हैं।