झारखण्ड राज्य से आभा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि उन्होंने जब गाँव के महिलाओं से बातचीत किया तो, महिलाओं ने कहा कि पहले उन्हें लगता था कि उनके ऊपर जो हिंसाएँ हो रही है, वह सही है। क्योंकि महिलाएं जब काम करके वापस आती थी तब उनके घर के पुरुष पैसों को लेकर मारपीट आदि करते थे। उसके बाद सुबह होने पर सामान्य रूप से व्यवहार करते है। जब उन्हें नीलिमा की कहानी को दिखाया गया तब जाकर उन्हें पता चला की उनके ऊपर हो रहे अत्याचार वह सही नहीं है और साथ ही इस कहानी से उन्हें यह जानकारियाँ मिली की हमारे ऊपर हो रहे अत्याचार से कैसे लड़े।