"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू गर्मी के दिनों में लत्तर वाली फसलों में लगने वाली रोग और नियंत्रण के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उदास होने पर हंसा देती है माँ नींद नहीं आने पर सुला देती है माँ मकान को घर बना देती है माँ खुद भूखी रह कर भी बच्चों का पेट भर्ती है माँ जी हां दोस्तों, माँ होती ही ऐसी हैं और माँ का इसी त्याग, समर्पण और प्यार पर समर्पित है मदर्स डे यानि मातृत्व दिवस। आज के दौर में यह दिन हर माँ के सम्मान में मनाया जाता है। आइये जानते हैं मदर्स डे मनाने की परंपरा की शुरुआत कब और कैसे हुई। दरअसल मदर्स दे 20वीं सदी की शुरुआत में अन्ना जार्विस द्वारा स्थापित किया गया था, जो उनकी अपनी मां के मानवीय कार्यों के प्रति समर्पण से प्रेरित था।1914 में , राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में नामित किया, जिसे बाद में अन्य देशों ने अपनाया। साथियों,एक और खास बात यह है कि हर साल मातृ दिवस का एक अलग थीम होता है और इस बार का थीम है "सेलिब्रेटिंग मदरहुड: ए टाइमलेस बॉन्ड". मदर्स डे ना सिर्फ मां को समर्पित है बल्कि उनके त्याग, बच्चों के लिए समर्पण और खुद से ज्यादा बच्चों के लिए प्रेम की सराहना भी करता है.मां और बच्चे का रिश्ता हर रिश्तों से बड़ा होता है. साथियों, मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । धन्यवाद !!

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा किसानों को केले में फल वाले पौधों में सहारा देने एवं केले के अच्छे उत्पादन हेतु जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

भारत 1998 में एक उभरती परमाणु शक्ति बन गया था, जिसके पीछे का कारण था 11 मई 1998 को हुआ परमाणु परिक्षण. भारत ने अपना सबसे ताकतवर परमाणु परीक्षण की बड़ी सफलता को हासिल करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री ने 11 मई 1999 को ही नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाने की घोषणा की . इस पूरे परीक्षण को अंजाम देने के पीछे महान वैज्ञानिक अब्दुल कलाम का हाथ था.तकनीक हमारा एक ऐसा अभिन्न अंग बनता जा रहा है जिसके बिना हमारे भविष्य की कल्पना करना नामुमकिन है. लेकिन इसके लिए हमे संतुलन एवं जागरूकता की भी आवश्यकता है, जिसके लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन एक तरह का अच्छा प्लेटफार्म है. मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की और से आप सभी को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश से कपिल देव राम मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की जल ही जीवन है हमारे जीवन में जल का बहुत बड़ा महत्व है मानव शरीर पानी के 70% से शोधित है पानी के बिना हमारा जीवन बेकार सा लगता है हर मनुष्य का कर्तव्य बनता है कि पानी को कम मात्रा में प्रयोग करें और उसको स्वच्छ तथा साफ रखें पशु पक्षियों के लिए पानी अति आवश्यक है खास देखा जाता है कि गर्मी के दिनों में तालाब पोखरे नदी नारे सूख जाती है जिससे पशु पक्षियों को पानी पीने की बड़ी कठिनाई होती है

सऊदी अरब से विकाश मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की जहा पानी खरीद कर पिया जाता है वहां बच्चे को हिसाब से ही पानी दिया जाये।

ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश से कपिल देव शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की कैसे आप अपने घर पर जल संरक्षण कर सकते है और अपने पर्यावरण को बचा सकते है

साल 2013-2017 के बीच विश्व में लिंग चयन के कारण 142 मिलियन लड़कियां गायब हुई जिनमें से लगभग 4.6 करोड़ लड़कियां भारत में लापता हैं। भारत में पांच साल से कम उम्र की हर नौ में से एक लड़की की मृत्यु होती है जो कि सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में एक अध्ययन को आधार बनाते हुए भारत के संदर्भ में यह जानकारी दी गई कि प्रति 1000 लड़कियों पर 13.5 प्रति लड़कियों की मौत प्रसव से पहले ही हो गई। इस रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए सभी आंकड़े तो इस बात का प्रमाण है कि नई-नई तकनीकें, तकनीकों में उन्नति और देश की प्रति व्यक्ति आय भी सामाजिक हालातों को नहीं सुधार पा रही हैं । लड़कियों के गायब होने की संख्या, जन्म से पहले उनकी मृत्यु भी कन्या भ्रूण हत्या के साफ संकेत दे रही है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? *----- शिक्षित और विकसित होने के बाद भी भ्रूण हत्या क्यों हो रही है ? *----- और इस लोकसभा चुनाव में महिलाओ से जुड़े मुद्दे , क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ??

मैं कपिल देव शर्मा मोबाइल वाणी ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश नमस्कार सभी श्रोताओं को आज पता चल जाएगा कि जलवायु परिवर्तन क्या है और यह हमारी पृथ्वी और पर्यावरण को कैसे नुकसान पहुँचा रहा है। मौसम के स्वरूप में ऐतिहासिक परिवर्तन को जलवायु परिवर्तन कहा जाता है। जिस तरह से पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य की ऊर्जा को अवशोषित करता है, उसे ग्रीनहाउस प्रभाव कहा जाता है। पृथ्वी के चारों ओर ग्रीनहाउस गैसों की एक परत है। यह परत, जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड शामिल हैं, सूर्य की अधिकांश ऊर्जा को अवशोषित करती है और पृथ्वी के चारों ओर फैलती है, जिससे सतह गर्म हो जाती है। ग्लोबल वार्मिंग, या जलवायु परिवर्तन, औद्योगीकरण, वाहनों की बढ़ती संख्या और कृषि उत्सर्जन के कारण ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) परत के मोटा होने के कारण पृथ्वी का गर्म होना है। जलवायु में अनिश्चितता आने वाले कई वर्षों तक देखी जा सकती है। गर्मियों में गर्मी बढ़ रही है और सर्दियों में ठंड बढ़ रही है। अलनिलू संकट बना हुआ है। बारिश जल्दी हो रही है। नासा की एक रिपोर्ट के अनुसार, वायुमंडल का औसत तापमान बढ़ रहा है, एक तरफ बारिश से बाढ़ की स्थिति पैदा हो रही है, तो दूसरी तरफ सूखा बढ़ रहा है। शून्य सेल्सियस का बिंदु बढ़ रहा है। कृषि क्षेत्र भूमि के गर्म होने से सबसे अधिक प्रभावित होता है। खाद्य और कृषि संगठन के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित शीर्ष दस देशों में से एक है। वे प्रभावित होंगे क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारशिला है। आज कृषि में भी मशीनीकरण हो रहा है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसों का अधिक उत्सर्जन होता है। एक अध्ययन के अनुसार, जैसे-जैसे वातावरण गर्म हो रहा है, सर्दियों का तापमान 2025 तक लगभग तीन से चार डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ सकता है, जिससे मानसून की वर्षा में दस से बीस प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है।