बनारस लिट् फेस्ट-2024: काशी साहित्य कला उत्सव का दूसरा संस्करण अजीम - शायर गुलजार की परिकल्पना को भी साकार करेगा। वर्ष 2013 में गुलजार ने काशी में ही यह इच्छा जताई थी कि बहुभाषी कवि सम्मेलन भी होने चाहिए। करीब एक दशक बाद बनारस लिट् फेस्ट में 11 फरवरी को बनारस में पहली बार बहुभाषी कवि सम्मेलन होगा। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के संगोष्ठी कक्ष में दिन में 11 बजे से होने वाले सवा घंटे के इस सत्र में हिंदी, कन्नड़,उड़िया, मैथिली और संस्कृत भाषा के रचनाकार एक मंच पर काव्यपाठ करेंगे। आयोजन समिति के प्रमुख सदस्य अशोक कपूर ने बताया कि इस सत्र के लिए देश की सभी प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं के प्रतिनिधि रचनाकारों से संपर्क किया गया था लेकिन ज्यादातर की डेट नहीं मिल पाई। जिन चार रचनाकारों के आने की स्वीकृति मिल चुकी है उनमें हिंदी के कवि बदरीनारायण, कन्नड़ के कवि एचएस शिवप्रकाश, मैथिली के रचनाकार उदयनारायण सिंह, उड़िया की कवयित्री कस्तूरिका मिश्रा शामिल हैं। काशी से संस्कृत के एक कवि को भी इस सत्र में शामिल किया जाना है।