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बात पते की कार्यक्रम में आपका स्वागत है, जैसा कि आप जानते हैं कि हम प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों को लेकर नई श्रृंखला चला रहे हैं, जहां पिछले एपिसोड में हमने प्रवासी श्रमिकों की आधार कार्ड से जुड़ी अलग-अलग समस्याओं के बारे में जाना था। इस एपिसोड में हम आधार कार्ड से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां लेकर आए हैं। भारत सरकार द्वारा आधार कार्ड धारकों के लिए कई सेवाओं और सुविधाओं का ऐलान किया गया है, हलांकि इसे अभी अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन अगर आपके पास आधार कार्ड है तो आपके कई काम आसानी से हो सकते हैं और आप कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकते हैं . किन सरकारी योजनाओं या सेवाओं में आधार कार्ड मांगा जा रहा है और किन सेवाओं का लाभ लेने के लिए प्रवासी श्रमिकों के पास स्थानिय पते पर आधार कार्ड होना ज़रूरी है।अगर आप आधार कार्ड होल्डर हैं तो आप सरकारी अस्पतालों और बड़े प्राइवेट अस्पतालों में आधार कार्ड के जरिए अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं। उद्हारण के तौर पर अगर आपको गुरूग्राम के सरकारी अस्पताल में इलाज करवाना है तो आधार कार्ड लाना होगा। यहां रजिस्ट्रेशन के समय ही मरीज़ को मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का नंबर रजिस्टर करवाना होता है। यहां दिक्कत उन प्रवासियों को आती है, जिनके पास आधार कार्ड नहीं होता क्योंकि वो उसे अपने गांव में छोड़ आते हैं, लेकिन जिनके पास आधार कार्ड होता है लेकिन गुरुग्राम के स्थानीय पते का नहीं है, उन्हें इलाज के लिए ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। तो इस परिस्थिति में आपको स्थानीय पते के आधार कार्ड से मदद मिलेगी। इसके अलावा जनधन खाता खोलने के लिये बैंक आपसे आधार कार्ड मांगेगा, इसी तरह एलपीजी की सबसीडी पाने के लिये आप एलपीजी उपभोक्ता सेवा के निशुल्क नंबर 1800-2333-555 पर कॉल करके अपना आधार नंबर अपनें एलपीजी उपभोक्ता नंबर से लिंक करा सकते हैं | इसी तरह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजनाओं यानि कि डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम जिसमें कि लाभार्थियों के बैंक खाते में सरकार द्वारा राशि जमा करवाई जाती है ऐसी सब योजनाओं में आधार कार्ड ज़रूरी है। हमने आपको आधार कार्ड से जुड़ी कुछ योजनाओं की जानकारी दी, जिनका लाभ आप ले सकते हैं अगर आपके पास आधार कार्ड है, खास तौर पर जहां आप रह रहे हैं, वहां के स्थानीय पते का आधार कार्ड है तो आप ऐसी योजनाओं का लाभ आसानी से ले सकते हैं। तो श्रोताओ, हम आपसे जानना चाहते हैं, कि ये जानकारी सुनने के बाद आप आधार कार्ड बनवाने या आधार कार्ड के ज़रिए मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए क्या कदम उठाएंगे। कृप्या अपने संदेश नंबर 3 दबाकर रिकॉर्ड करवाएं, अगले एपिसेड में हम इसी जानकारी को आगे बढ़ाएंगे और कुछ और योजनाओं की भी बात करेंगे। साथ ही आपको बताएंगे कि आधार कार्ड में नाम पता बदलवाने या सुधारने की प्रक्रिया क्या है और अगर आपके पास स्थानीय पते का कोई प्रमाण नहीं है तो आप क्या कर सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण श्रमिकों के कल्याण की योजना का मसौदा श्रम मंत्रालय की वेबसाइट पर नहीं डालने पर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगायी और उसके हलफनामे को ‘पूरी तरह झूठा’ बताया. 1996 में संसद ने बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (रोजगार नियमन और सेवा स्थिति) कानून बनाया था ताकि मजदूरों की भलाई के लिए कंस्ट्रक्शन सेस लगाया जा सके. यह सेस कंस्ट्रक्शन की लागत का एक फीसदी होता है. पिछले 20 साल से यह सेस वसूला जा रहा है और अब यह रकम बढ़ कर यह 37,400 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. लेकिन खर्च हुए हैं सिर्फ 9500 करोड़ रुपये. गौरतलब है कि 1996 में संसद ने बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (रोजगार नियमन और सेवा स्थिति) कानून बनाया था ताकि मजदूरों की भलाई के लिए कंस्ट्रक्शन सेस लगाया जा सके. यह सेस कंस्ट्रक्शन की लागत का एक फीसदी होता है. पिछले 20 साल से यह सेस वसूला जा रहा है और अब यह रकम बढ़ कर यह 37,400 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. लेकिन खर्च हुए हैं सिर्फ 9500 करोड़ रुपये. 2020 तक 21 शहरों में समाप्त हो सकता है भूजल भारत अपने इतिहास में सबसे खराब जल संकट का सामना कर रहा है। 2020 तक 21 भारतीय शहरों में भूजल समाप्त हो जाने की संभावना है। इस रिपोर्ट के बाद नीति आयोग ने जल संसाधनों के ‘तत्काल और बेहतर’ प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर डाला है। ऐसे इलाकों में, जहां सालाना उपलब्ध 40 फीसदी से अधिक सतह के पानी का उपयोग किया जाता है, लगभग 600 मिलियन भारतीय पानी को लेकर मुश्किलों से जूझ रहे हैं। दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद समेत 21 भारतीय शहरों में 2020 तक भूजल समाप्त होने की आशंका है, जिससे 100 मिलियन लोग प्रभावित होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक भारत की 40 फीसदी आबादी के पास पीने के पानी की कोई पहुंच नहीं होगी। 14 जून, 2018 को जारी ‘कंपोसिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स’ (सीडब्ल्यूएमआई) रिपोर्ट के अनुसार स्थिति के और खराब होने की आशंका है, क्योंकि पानी की मांग 2050 तक आपूर्ति से अधिक हो जाएगी ।अब जबकि भारतीय शहर जल आपूर्ति के लिए जूझ रहे हैं, आयोग ने ‘तत्काल कार्रवाई’ की मांग की है, क्योंकि पानी की बढ़ती कमी से भारत की खाद्य सुरक्षा भी प्रभावित होगी।राजधानी दिल्ली में हाल काफी बुरा है पानी के अंधाधुंध इस्तेमाल होने से जल संरक्षण नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से पीने के पानी की समस्या साल-दर-साल गंभीर होती जा रही है।

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