बिना गपशप के ऑफिस या घर ,आइसिंग के बिना केक की तरह है। चाय ब्रेक, लंचटाइम, टॉयलेट - इन सभी जगहों में गपशप यानि अड्डा होता है। जी हाँ श्रोताओं,आपने सही समझा अब मैं बोलूंगी की आज की कड़ी में मैं श्वेता हाज़िर हूँ एक नए विषय के साथ..हम जहाँ काम करते है, हमारे कई साथी-दोस्त बन जाते और जैसे ही हमें थोड़ा समय मिलता है हम आपस में चर्चा करना शुरू कर देते हैं पर कुछ लोग ऐसे होते ही हैं जिन्हे यह सब आँखों में खटकने लगता हैं। ..इसी विषय को हम आगे ले चलते है,जानते है सुशीला और सीमा अपने कार्यस्थल पर क्या- क्या चर्चाएं करती है। देखा आपने घर हो चाहे कंपनी महिलाएं आपस में चर्चा करना नहीं भूलती है इससे न सिर्फ एक दूसरे के बारे में जानकारी मिलती है बल्कि महिलाओं में एकजुटता भी बढ़ता है। जिसे कोई भी कंपनी रोक नहीं सकती। और अगर आपको चर्चाएं करने से कंपनी रोक रही है तो आप इसे नज़रअंदाज़ न करें। जब भी मौका मिले चर्चा ज़रूर करें। चर्चाओं से जज्बा बढ़ता है। ....तो साथियों हम आपसे जानना चाहते है कि जब कंपनी प्रबंधक आपको आपस में चर्चाएं करने से रोकती है तो आप क्या करते है? साथ ही ऐसी कोई घटना बताएं जिसमे आपने बिना डरे काम बंद कर दिया।