नमस्कार आदाब श्रोताओं, स्वागत है आपका कार्यक्रम अब मैं बोलूंगी में, श्रोताओ, याद है न आपको मंजु बार बार नौकरी बदलने पर किस तरह परेशान रहती है। कभी कामकाज के दौरान शोषण तो कभी घर की उलझनों को लेकर महिलाएं दोहरी परेशानी झेलती हैं। इसी बीच मंजू और उसके साथ काम करने वाली महिला साथी आज शीला के घर मिलने वाली हैं ताकि कंपनी मैनेजर के शोषण को रोकने का हल निकाला जा सके। शीला - जी आज ना आप जल्दी आ जाइएगा, वो पति - हाँ-हाँ मुझे याद है,आज शाम सभी लोग आ रहे है ना? मैं भी आ जाऊंगा। शीला - आइए-आइए यहाँ बैठिए ....आप लीजिये कुर्सी ...हाँ ठीक है। मंजु - इस कंपनी का मैनेजर तो हद से ज़्यादा बद्तमीज़ है, ये तो कह देते हैं कि कंपनी ही छोड़ दो। शीला के पति - हाँ- हां, आज हम सब इसी पर बात करेंगे। दीप्ती - आप सभी को एक चीज़ पता होनी चाहिए, जिस महिला के साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न हुआ है,या हो रहा है , वह इसकी शिकायत कर सकती हैl जिस कंपनी में 10 से अधिक लोग काम कर रहे है वहां आंतरिक शिकायत समिति गठित करनी ज़रूरी होती है। वहां पर हम इसकी शिकायत कर सकते हैं। मंजु - क्या शिकायत करने की कोई समय सीमा निर्धारित है ? दीप्ती - शिकायत करते समय घटना को घटे तीन महीने से ज्यादा समय नहीं बीता हो, और यदि एक से अधिक घटनाएं हुई है तो आखरी घटना की तारीख से तीन महीने तक का समय पीड़ित के पास है। और हाँ, यदि आंतरिक शिकायत समिति को यह लगता है की इससे पहले पीड़ित शिकायत करने में असमर्थ थी तो यह सीमा बढ़ाई भी जा सकती है, पर इसकी अवधि और तीन महीनों से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती l ये सब बातें मुझे पिछली कंपनी में काम करने के दौरान जानने को मिली थीं। शीला - दीदी क्या पीड़ित की ओर से कोई और शिकायत कर सकता है ? दीप्ती - बिलकुल, उसके रिश्तेदार या मित्र, उसके सह-कार्यकर्ता, ऐसा कोई भी व्यक्ति जो घटना के बारे में जानता है और जिसने पीड़ित की सहमति ली है, शिकायत कर सकता है l मंजू - शिकायत करने के बाद क्या होता है? दीप्ती - मंजू, यदि महिला चाहती है तो मामला को समाधान की प्रक्रिया से भी सुलझाया जा सकता है। यदि महिला समाधान नहीं चाहती है तो जांच की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसे आंतरिक शिकायत समिति को 90 दिन में पूरा करना होगा। यह जांच कंपनी द्वारा तय की गई प्रकिया पर की जा सकती है, यदि कंपनी की कोई तय प्रकिया नहीं है तो सामान्य कानून लागू होगा। समिति पीड़ित, आरोपी और गवाहों से पूछ ताछ कर सकती है और मुद्दे से जुड़े दस्तावेज़ भी मांग सकती है। मंजु - अच्छा..अरे वाह ये तो बहुत बढ़िया है लेकिन शिकायत कैसे की जानी चाहिए ? दीप्ती - हाँ सही सवाल किया। शिकायत लिखित रूप में की जानी चाहिए। यदि किसी कारणवश पीड़ित लिखित रूप में शिकायत नहीं कर पाती है तो समिति के सदस्यों की ज़िम्मेदारी है कि वे लिखित शिकायत देने में पीड़ित की मदद करेंl उदाहरण के लिए ,अगर वह महिला पढ़ी लिखी नहीं है और उसके पास लिखित में शिकायत लिखवाने का कोई ज़रिया नहीं है तो वह समिति को इसकी जानकारी दे सकती है, और समिति की ज़िम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे की पीड़ित की शिकायत सही से दर्ज़ की जाए l सभी एक साथ - अरे बहुत बहुत धन्यवाद, तो श्रोताओं, आपके लिये यह जानना बेहद जरूरी है कि कार्यस्थल पर यौन शोषण रोकथाम कानून क्या कहता है और इसके तहत कैसे कार्यवाही होती है और दंड के क्या प्रावधान हैं। महिलाओं को कामकाज के स्थान पर बेहतर माहौल मिले और उनकी सुरक्षा के लिए ये कानून बनाया गया है। इस के तहत और जानकारियां भी आपको सुनाएंगे आने वाली कड़ियों में।