भारत को 27 फीसदी और धनी बना सकती हैं महिलाएं भारत में रोजगार के मामले में महिलाओं की भागीदारी खतरनाक दर से गिर रही है। महिला रोज़गार की दर 2005 में पहले ही 35 फीसदी थी और अब यह सिर्फ 26 फीसदी रह गई है। इस दौरान अर्थव्यवस्था का आकार दोगुने से भी अधिक हो गया और कामकाजी उम्र की महिलाएं 25 से बढ़कर 47 करोड़ हो गईं। अगर महिला रोजगार की दर पुरुषों के बराबर हो जाए तो भारत को 23.50 करोड़ अधिक वर्कर मिल जाएंगे, जो यूरोपीय संघ में स्त्री-पुरुष वर्कर संख्या से अधिक है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ का अनुमान है कि वर्कफोर्स का यह संतुलन स्थापित हो जाए तो भारत 27 फीसदी अधिक धनी हो सकता है। भारत की लेबर फोरस में महिलाओं की कम होती भागीदारी के आंकड़ों पर नज़र डालें तो इस के पछे सबसे बड़ा कारण है,शादीशुदा महिलाओं का शादी के बाद नौकरी न कर पाना। नैशनल सैंपल सर्वे 2011-12 के आंकड़ों के मुताबिक शादीशुदा महिलाओं की रोज़गार में भागीदारी बड़े स्तर पर कम हो रही है। वहीं गैर-शादीशुदा महिलाओं की रोज़गार में भागीदारी पिछले 20 सालों में 37 फीसदी से बढ़कर 50 फीसदी हुई है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कार्यस्थल पर बुनियादी सुविधाओं जैसे कि करच की सुविधा की कमी, लंबे घंटों की शिफ्ट और आने जाने की बेहतर सुविधाएं न मिलने के साथ साथ घरेलू और पारिवारिक ज़िम्मेदारियों की वजह से शादीशुदा महिलाओं की रोज़गार में भागीदारी लगातार कम हो रही है। वायु प्रदूषण से निपटने को लिए नीति आयोग ने पेश किया 15 सूत्रीय एक्शन प्लान नीति आयाग ने दिल्ली, कानपुर और वाराणसी समेत देश के सर्वाधिक 10 प्रदूषित शहरों में वायु प्रदूषण से निपटने को लेकर 15 सूत्रीय कार्ययोजना का प्रस्ताव किया है. ‘ ब्रेथ इंडिया ’ शीर्षक से जारी कार्य योजना के मसौदे में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने , निजी डीजल वाहनों को हटाने तथा फसलों के अवशेष के उपयोग की नीति का विकास शामिल है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ताजा आंकड़े के अनुसार राजधानी दिल्ली सहित कानपुर , फरीदाबाद , गया , वाराणसी , आगरा , गुड़गांव , मुजफ्फरपुर , लखनऊ और पटना देश के शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार पिछले महीने पश्चिम भारत में धूल भरी आंधी के कारण दिल्ली में हवा की गुणवत्ता काफी खराब हो गई थी. इसी तरह दिल्ली में जाड़े के मौसम में भी हवा की गुणवत्ता काफी बिगड़ जाती है। नीति आयोग की कार्य योजना में पुराने और अकुशल बिजली संयंत्रों को बंद करने के काम में तेजी और 2020 से फीबेट कार्यक्रम यानि कि (प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर जुर्माना और हवा को साफ रखने वाले वाहनों पर छूट ) बड़े पैमाने पर लागू करना शामिल है।