केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. हाल ही में भारतीय दूतावास ने जानकारी दी है कि सिंगापुर में करीब 4800 भारतीय ऐसे हैं जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें 90 फीसदी तो केवल श्रमिक के तौर पर काम कर रहे थे. यानि इन लोगों की आर्थिक स्थिति भी बहुत बेहतर नहीं है.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि मिस्र में बीते चार साल से मीडिया घरानों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है, असंतुष्ट आवाजों को इस हद तक दबाया जा रहा है कि वहां पत्रकार होना एक अपराध बन गया है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

कोरोना संक्रमण से जूझ रही दुनिया के कोने—कोने से भारतीयों ने लौटने की तैयारी शुरू कर दी है. संयुक्त अरब अमीरात में एक लाख 50 हजार से ज्यादा भारतीयों ने लॉकडाउन के बीच घर लौटने के लिए ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया के तहत भारतीय मिशनों में आवेदन दिया है। सुनने के लिए ऊपर के ऑडियो पर क्लिक करें। 

जहां एक ओर पूरी दुनिया लॉकडाउन के घेरे में है ताकि जितने लोग जीवित हैं वे सुरक्षित रहें. वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश में श्रमिकों का जीवन दांव पर लगार कर कई गारमेंट फैक्ट्रियों को खोल दिया गया है. जानकारी के अनुसार देश की कुल 7602 गार्मेंट फैक्ट्रियों में से 2916 को दोबारा शुरू कर दिया गया है. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

पैसे और नाम कमाने की चाहत में विदेश पहुंचे भारतीय अब वापिस आना चाहते हैं. कोरोना काल में हर किसी को यह समझ आ रहा है कि चाहे जो भी हो जाए मुश्किल दौर से निकलने का जज्बा केवल भारत के पास है. शायद यही कारण है कि अमेरिका में बसे भारतीय अब वापिस भारत आना चाहते हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बाद से अफ्रीका महादेश के अस्पतालों को इन दिनों इंटेंसिव केयर बेड और वेंटिलेटर्स की भारी किल्लतों का सामना करना पड़ रहा है. ये कहना है विश्व स्वास्थ्य संगठन का. WHO ने बयान जारी करते हुए कहा कि अफ्रीका के 43 देशों के अस्पतालों में 5,000 से भी कम इंटेंसिव केयर बेड हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

संयुक्त राष्ट्र की श्रम इकाई अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों की जाने वाली नौकरियों की आशंका एक बार फिर से बढ़ा दी है. संगठन के अनुसार अप्रैल से जून के दौरान महज तीन महीने में ही करीब 30.5 करोड़ लोगों की पूर्णकालिक नौकरियां समाप्त हो सकती हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। 

ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा ने एक ऐसा स्मार्टफोन एप बनाया है. जो उपयोगकर्ताओं को कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर सचेत करेगा. एनएचएस के प्रौद्योगिकी प्रमुख के मुताबिक डिवाइस को 3 हफ्ते में चालू किया जा सकता है. ब्रिटिश राज्य पहले इस एप का परीक्षण छोटी आबादी पर करेगा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोना संक्रमण के कारण लेबनान के आर्थिक हालात इतने बुरे हो चुके हैं कि लोगों ने वहां के बैंकों को लूटना शुरू कर दिया है. देश में करेंसी का मूल्य इतना गिर गया है और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मध्य मार्च से लगाए गए लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था इस कदर बिगाड़ दी है कि लोग सड़कों पर उतर आए हैं. लेबनान में लगातार दो रातों में वहां के दर्जनों बैंक लूटे गए हैं.विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

कोरोना संकट से जूझ रहे देशों से अब कर्मचारियों की छंटनी की खबरें आनी शुरू हो गईं हैं. अमेरिका में करीब 2 करोड लोगों के बेरोजगार हो जाने की खबर के बाद अब ब्रिटेन में भी हालात खराब होते नजर आ रहे हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।