By the means of Sajha manch a listener from SIDCO Tiruppur is requesting tamilnadu government to reduce the price of liquor, he says that migrant workers are earning arround 350-400 but now the liquor price are being rised from 100 to arround 150-170. He adds by saying that migrant workers have liquor to sleep properly after work.
नमस्कार! मैं सिडको (त्रिपुर) से बोल रही हूँ! आज यहाँ से वेस्ट बंगाल के लिए बसें टोकन दे कर दी जा रही हैं.....जितने बंगाल के लोग हैं, जो कलकत्ता, अपने गाँव के लिए जाना चाहते हैं, कृपया सभी से अनुरोध है कि आपको सिडको मैं गेट में आ कर टोकन ले कर जा सकते हैं....दो बजे से बस है....आप सभी लोग आ सकते हैं जिनको घर जाना है! धन्यवाद!
Transcript Unavailable.
मैं त्रिपुर, सीको (तमिलनाडु) से बोल रहा हूँ! मैं बहुत यहाँ परेशान हूँ! मैं मज़दूर हूँ....मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है....बहुत परेशानी हो रही है खाने-पीने के लिए....मेरे पास राशन नहीं है, मेरे पास पैसे नहीं हैं....मैं बहुत परेशान हूँ सर! गाड़ी भी नहीं है कि इधर से मानीं गाँव जा सकूँ! किराया नहीं है, पैसा नहीं है मेरे पास! मैं कई बार फ़ोन कर चूका हूँ आपके पास कोई मदद नहीं आई है....मैं फ़ैमली से हूँ....बच्चे मेरे बहुत परेशान हैं खाने के लिए....हमारे पास पैसे भी नहीं है, राशन भी नही है रूम में! पैसे नहीं हैं तो घर कैसे जायेंगे? सर, मेरी हेल्प करिये नहीं तो भूखे मर जायेंगे यहाँ पर! हमारी हेल्प करिए सर! मेरे कोई हेल्प नहीं हो पा रही है, कहीं से....मेरे पास छोटे-छोटे बच्चे हैं यहाँ पर! - मंज़ूर अली!
मैं त्रिपुर सीको से बोल रहा हूँ! मैं बिहार का रहने वाला हूँ....प्रवासी हैं! मैं यह बोलना चाहता हूँ मोदी सरकार से कि अगर एक रूपया भी नहीं है हमारे पॉकेट में और उसके बाद यदि हम जाएँगे घर, घर जाने के बात हमको क्रोनटाईन में हमको 21 दिन रखा जाएगा, 21 दिन हमारा परिवार भूखा अलग रहेगा तो कौन खिलायेगा? सरकार को चाहये कि इसपर नज़र डाले! बीजेपी सरकार! मैं कहता हूँ बहुत मेहरबानी होगी ये सर्कार गहरीब के ऊपर ध्यान दे! मैं फिर इसको सपोर्ट करुँगा नहीं तो आगे इसको वोट नहीं करुँगा! धन्यवाद! जयहिन्द!
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हम लोग सीको में रहते हैं....खाने-पीने के लिए कुछ भी नहीं मिलता है....खाने-पीने के लिए कुछ भी नहीं है....काम-वाम भी नहीं चल रहा है!
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मैं सीको, त्रिपुर मेन गेट से बोल रहा हूँ! गाँव में बहुत तक़लीफ़ हो रहा है....घर में सब पूछ रहे हैं कि कब आओगे> लॉकडाउन कब ख़तम होगा? इसलिए आपको कॉल किया है कि सरकार हमको घर कब ले जाएगा?
मैं सीमा बोल रही हूँ, त्रिपुर से, पोयंपालियम से! सरकार ने ये दारू किसलिए चालू की है? इसको बन्द कर देना चाहिए न? जनता तो जब तक नहीं पी रहे थे तब तक बहुत अच्छे थे. अभी जनता पी रहे हैं तो मार-पीट, झगडी-झगड़ा हो रहा है! जिसको खाने का ठेकान नहीं है वो भी दारू पी रहा है! जो भी घर पर दू-चार रुपिया है जेंट्स लोग उसको भी ले कर दारू पी जा रहा है! कम से कम सरकार को तो चाहिए न कि दारू बन्द कर देना चाहिए।।।।अभी काम नहीं चल रहा है। ..हर जगह दारू बन्द कर देना चाहिए! सरकार से हाथ जोड़ कर विनती करते हैं कि इस दारू को बंद कर दीजिये! इसी में भलाई है जनता का आपको कोरोना से बचाने के लिए आप बोल रहे हैं घर में रहने के लिए....जब जनता दारू पियेगा तो वो तो बाहर ही दौड़ेगा ना, बाहर ही सोयेगा! फैमिली में झगड़ा हो रहा है दारू की ही वजह से! अगर दारू इतना दिन तक, दो महीना, तीन महीना सब लोग नहीं पिए थे तब निमक-भात खा रहे थे, लेकिन उसमें सबका अच्छा ही चल रहा था! लेकिन अब दारू की वजह से सबका घर-घर में झगड़ा हो रहा है! किसी को खाने का ठेकान नहीं है लेकिन 100-150 रूपया ले जाके दारू पी जा रहा है, इसमें सिर्फ सरकार को फायदा हो रहा है...और हम लोगों को? जनता को रोआई आ रहा है! आपके सामने हाथ जोड़ कर विनती कर रहा (रही) हूँ कि दारू को बन्द कर दीजिये! मैं सीमा बोल रही हूँ! नमस्ते!