दिल्ली से शाहनवाज़ की बातचीत साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से जैलुन अंसारी से हुई जैलुन अंसारी ने बताया कि वो पहले ऑटो रिक्शा चला कर परिवार का गुज़र बसर करते थे। लगभग पांच साल पहले उनकी आँखे काला मोतियाबिंद से ख़राब हो गयी।अभी उनके पास कोई रोज़गार नहीं है। इनके पास राशन कार्ड नहीं है। पत्नी के साथ किराए के मकान में रहते है। घर में कोई कमाने वाला व्यक्ति नहीं है। अपना मकान भी नहीं है