साथियों हम सभी जानते हैं कि लॉकडाउन के बाद कंपनियों को मजदूरों की कितनी जरूरत थी, जिसके लिए कंपनियों ने बहुत से वादे कर मजदूरों को उनके घरों से वापस लाने के लिए बसें भी भेजी साझा मंच की स्वयंसेवक रेशमा जी की मुलाकात ऐसे ही कुछ मजदूर साथियों से हुई, जिन्होंने मिलकर रूम के भाड़े के लिए, कंपनी द्वारा किए गए उन्हीं के वादे को याद दिलाया। कंपनी ने रूम मालिक को मजदूरों से किराया लेने को कहा, जबकि कंपनी ने भरोसा दिया था कि रूम का भाड़ा कंपनी देगी। मजदूरों की एकता के सामने कंपनी को उनकी बात माननी पड़ी.... साथियों यह अनिवार्य नहीं है कि कंपनी कॉन्ट्रैक्ट वर्करों को रूम का भाड़ा दे, मगर जब कंपनियां खुद ऐसा कोई वादा करती हैं, तो वर्कर उसकी मांग कर सकते हैं और अगर कंपनी अपनी बाद में मुकर जाती हैं, तो मजदूर मिलकर इसका विरोध भी कर सकते हैंक्या आपकी भी कंपनी ने ऐसा कोई वादा कर अपनी बात से मुकर गई है, तीन दबाकर उसे साझा करें, धन्यवाद।