जमुई, बिहार से मुन्ना साझा मंच मोबाईल वाणी को बता रहे हैं कि दिव्यांगों के लिए आरक्षित नौकरीयाँ उन्हें न देकर दूसरों को दे दी जाती हैं। सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों को इस समय चार प्रतिशत आरक्षण मिलता है और निजी क्षेत्र की नौकरियों में पाँच प्रतिशत। लेकिन उनके लिए आरक्षित चार प्रतिशत नौकरियों में से सिर्फ़ दो प्रतिशत ही उन्हें मिलती हैं, इसमें भी दृष्टिबाधितों को नौकरीयाँ नहीं मिलती हैं, चाहे वह सरकारी क्षेत्र हो या फिर निजी। इस परिस्थिति के ज़िम्मेदार व्यक्तियों पर सख़्त कारवाई होनी चाहिए।