मैं सीमा बोल रही हूँ, त्रिपुर से, पोयंपालियम से! सरकार ने ये दारू किसलिए चालू की है? इसको बन्द कर देना चाहिए न? जनता तो जब तक नहीं पी रहे थे तब तक बहुत अच्छे थे. अभी जनता पी रहे हैं तो मार-पीट, झगडी-झगड़ा हो रहा है! जिसको खाने का ठेकान नहीं है वो भी दारू पी रहा है! जो भी घर पर दू-चार रुपिया है जेंट्स लोग उसको भी ले कर दारू पी जा रहा है! कम से कम सरकार को तो चाहिए न कि दारू बन्द कर देना चाहिए।।।।अभी काम नहीं चल रहा है। ..हर जगह दारू बन्द कर देना चाहिए! सरकार से हाथ जोड़ कर विनती करते हैं कि इस दारू को बंद कर दीजिये! इसी में भलाई है जनता का आपको कोरोना से बचाने के लिए आप बोल रहे हैं घर में रहने के लिए....जब जनता दारू पियेगा तो वो तो बाहर ही दौड़ेगा ना, बाहर ही सोयेगा! फैमिली में झगड़ा हो रहा है दारू की ही वजह से! अगर दारू इतना दिन तक, दो महीना, तीन महीना सब लोग नहीं पिए थे तब निमक-भात खा रहे थे, लेकिन उसमें सबका अच्छा ही चल रहा था! लेकिन अब दारू की वजह से सबका घर-घर में झगड़ा हो रहा है! किसी को खाने का ठेकान नहीं है लेकिन 100-150 रूपया ले जाके दारू पी जा रहा है, इसमें सिर्फ सरकार को फायदा हो रहा है...और हम लोगों को? जनता को रोआई आ रहा है! आपके सामने हाथ जोड़ कर विनती कर रहा (रही) हूँ कि दारू को बन्द कर दीजिये! मैं सीमा बोल रही हूँ! नमस्ते!