विवेक प्रधान जी मोबाईल वाणी के माध्यम से एक दोहा प्रस्तुत कर रहे है इस दोहा के माध्यम से ये बताया गया की आजकल के बच्चे अपने माता-पिता को बोझ समझते है इसी बात को इस दोहा के द्वारा उजागर किया गया है इस कविता में ये बताया गया है की जबतक माता-पिता के पास पैसे रहते है तबतक ही उनके बच्चे उन्हें अपने पास रखते है और जब माँ-पिता के पास पैसे समाप्त हो जाते है उसके बाद यही माता-पिता उनके लिए बोझ बन जाते है