धनबाद से रमेश महतो जी कोलया खनन और उससे होने वाली मुनाफे के बटवारे के सम्बद्ध में कहते हैं कि झारखण्ड प्रदेश में बीसीसीएल जैसी कई कंपनियां हैं जो कोयला खनन का कार्य वर्षो से करते आ रहे हैं। कोयला खनन से राज्य सरकार और कोल कंपनियों को साल में अरबो रुपये का मुनाफास हो रहा है। जहाँ एक और उत्खनन से कॉल कंपनियों को अरबों रुपये का लाभ हो रहा है वहीँ खदान के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगो को अनेकों तरह की समस्याओं का सामना करना पद रहा है।वे कहते है कि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में खनन से होने वाले मुनाफे के 20-30 प्रतिशत हिस्सा उस क्षेत्र के विकास के लिए लगाया जाता है, लेकिन भारत देश में कोल कंपनियां खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास में न के बराबर खर्च करती हैं। वे कहते हैं कि भारत में जितने भी कोल कंपनियां कार्यरत हैं उन्हें अपने मुनाफे के कम-से कम 40 प्रतिशत हिस्सा उक्त क्षेत्रों के विकास में लगाना चाहिए तभी जाकर खनन प्रभावित क्षेत्रों का विकास संभव हो पायेगा .