कैलाश गिरी चंद्रपुरा बोकारो से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर विस्थापन के शिकार एक ग्रामीण जिनका नाम प्रेमचंद है और जो सिज्वा पंचायत के रहने वाले हैं उन्होंने बताया की बीसीसीएल की कम्पनी के द्वारा वे विस्थाप्त हुए हैं मगर विस्थापन के बाद उन्हें किसी भी तरह का मुआवजा नहीं दिया गया और कुछ लोगो को नौकरी दी गयी और कुछ लोगो को नहीं दी गयी. कम्पनी की तरफ से उन्हें बताया गया की उनके पास प्रयाप्त जमींन नहीं रहने के कारन उन्हें नौकरी नहीं दी गयी जो ग्रामीण कहते हैं की उन्हें बरगलाने का कार्य किया गया हैं. ग्रामीणों का कहना हैं की विस्थापन की नीति लागु नहीं होने के कारन उनके साथ वैसा हो रहा हैं.