रामगढ़ से डॉ.आशीष ने झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया की आज झारखण्ड में बाल मजदूरो की संख्या दिन प्रतिदिन बदती ही जा रही हैं. आज होटलों में. भट्टी में,चाय की दुकानों पर छोटे छोटे बच्चे काम करते हुए मिल जाते हैं. आज बड़ी बड़ी हस्तियों के द्वारा बाल सुधार के लिए प्रचार प्रसार किया जा रहा हैं.मगर फिर भी बाल सुधार में कमी नहीं हो रही हैं.आज केंद्र सरकार एवं झारखण्ड सरकार भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं और नहीं कोई कानून बना रही हैं.आज जरुरत हैं सरकार को इस ओर ध्यान देने की ताकि वैसे क्षेत्रो पर जहाँ बच्चो से बल मजदूरी कराई जाति हैं उन्हें उस बाल मजदूरी से छुटकारा दिलाई जाये और उनके पढ़ने खाने पिने एवं रहने की वयवस्था सरकार को करनी चाहिए.ताकि बाल मजदूरो में कमी आसके.