गिरिडीह से शांता कुमार वर्मा है झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते है की गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दवाइयाँ और चिकित्सक नहीं रहते है। इसके अलावा छोटे- मोटे रोगों के लिए ही उपचार उपलब्ध होती है बड़ी बीमारियों के लिए उन्हें निज़ी अस्पतालो में जाना पड़ता हैऔर डॉक्टर की दावा दुकान वाले से मिली भगत होती है जिस से उनके द्वारा लिखे हुए दवाई केवल उनके दवरा बताये गए दुकानों में ही उपलब्ध होता है।