बोकारो:रमेश कुमार नाइक बिहार मोबाइल वाणी के लिए एक संदेश दे रहे है कि आजकल प्राइवेट अस्पताल जो की चिकित्सा को बिज़नेस बना लिए है गरीब और असहाय लोगोँ को लूटते है,वो जान भी नहीं पाते और उनके लिए चिकित्सा बस एक धंधा बन गया है।सरकारी अस्पताल में व्यस्था नाम की कोई चीज़ नहीं होती अस्पताल बस नाम का होता है। मेरा यह निवेदन है की सरकारी अस्पताल को इयन अच्छा बना दिया जाए उसमे हर प्रकार की सुविधा हो हर प्रकार डाक्टर हमेशा रहे। वहाँ हर प्रकार की सुविधा हो ऑपरेशन की सुविधा हो इमरजेंसी हर समय उपलब्ध रहे हर प्रकार की दवाएँ रहे। लोगोँ को जैसे की कोई गंभीर बीमारी हो जाती है तो उसे अपनी खेत बारी सम्पति बेच कर वेल्लोर जाते है और जब लौटते है तो उनको खाने के लाले पड़ जाते है।सरकारी अस्पताल को भी अच्छा बनाना चाहिए इसमें भी क्वालिफाइड डॉक्टर होने चाहिए।परन्तु सरकारी अस्पताल ज्योँ के त्यों है। अगर सुधारना ही है तो सरकारी अस्पताल को सुधारना चाहिए। डॉक्टर को अच्छा वेतन मिले। डॉक्टर को अच्छा सुविधा मिले तभी सरकार सरकारी अस्पताल में अच्छा काम होगा।तभी लोग सरकारी अस्पताल में आयेंगे नहीं तो लोग सरकारी अस्पताल के नाम से ही डरते है।
