झारखंड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से जे.एम रंगीला मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बेरमो कोयलांचल के नाम से विख्यात बेरमो अनुमंडल इलाका जहाँ कोल इण्डिया से संबंधित इकाई सीसीएल के दर्जनों कोयला खदाने ,दुग्धा कोलवाशरी,कलगरी कोलवाशरी,स्वांग कोलवाशरी,कथारा कोलवाशरी सहित दामोदर घाटी निगम की चंद्रपुरा तथा थर्मल इकाई और झारखंड सरकार की तेनूघाट विधुत निगम आदि महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठान स्थापित है। इस वजह से बेरमो कोयलांचल क्षेत्र में दर्जनों ट्रांसपोर्ट कम्पनियाँ है और यहाँ करीब पांच हजार छोटी बड़ी गाड़ियाँ संचालित की जाती है। इन ट्रांसपोर्ट कंपनियों में लगभग बीस हजार के करीब उक्त चालक कार्यरत हैं। पर विडंबना यह है कि इन ट्रांसपोर्ट कंपनियों में कोई भी नियम लागु नहीं है और यहाँ कम्पनियों के मालिकों की मनमानी अधिक चलती है। कार्यरत चालकों के लिए कोई निर्धारित वेतन नहीं है मालिक अपने अनुसार ही कर्मियों को वेतन देते है। ट्रांसपोर्ट कंपनियों में चालक उपचालक को आज तक किसी भी तरह की नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है। उनके वेतन में भारी अनियमितता बरती जाती है। इसे यह साफ़ झलकता है कि किस तरह से कामगारों के साथ शोषण किया जाता है। एक मिली जानकारी के अनुसार जब कर्मियों ने यूनियन से मिल कर अपनी हक की लड़ाई में खड़े हुए तो उन्हें काम से हटा दिया गया। आश्चर्य जनक बात यह है कि इस क्षेत्र में कोल इण्डिया स्तर के कई यूनियन निवास करते हैं। लेकिन इन नेताओं को ट्रांसपोर्ट के द्वारा प्रतिमाह अच्छी खासी रकम मिलती है। जिससे यह प्रमाणित होता है कि कभी भी ये नेता जनता के हित के लिए कभी खड़ा नहीं होने और ना ही कोई सराहनीये कार्य करेंगे।