बढ़ते वैश्विक ताप के कारण समुद्री ग्रीष्म लहरें, अल नीनो प्रभाव और प्रचंड चक्रवात जैसी चरम मौसमी घटनाएं बढ़ रही हैं।जिसके खतरनाक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी पैनल (आइपीसीसी) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इस रिपोर्ट में महासागरों और हिममंडल पर वैश्विक ताप के कारण पड़ रहे दुष्प्रभावों को लेकर आगाह किया गया है।शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत समेत हिंद महासागर से सटे अन्य देश इन चरम घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2015-16 में आधुनिक युग का सबसे प्रचंड अल नीनो प्रभाव दर्ज किया गया।पूर्वी प्रशांत महासागर में तापमान गर्म होने से अल नीनो का असर पूरी दुनिया के मौसम पर पड़ता है।वर्ष 2015-16 में चरम अल नीनो प्रभाव के दौरान भारत को सूखे का सामना करना पड़ा था। वर्ष 1891 से 1990 तक सौ वर्षों की अवधि में अल नीनो प्रभाव प्राय: 20 सालों के अंतराल पर देखा गया। पर, इस सदी के अंत तक अल नीनो की आवृत्ति हर दस साल के अंतराल पर देखने को मिल सकती है। इसका सीधा असर मानसून आधारित कृषि अर्थव्यवस्था पर बड़े पैमाने पर पड़ सकता है।अल नीनो के अलावा, समुद्री ग्रीष्म लहरें एक नई चुनौती बनकर उभर रही हैं।महासागरीय जीवन पर इन ग्रीष्म लहरों का अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ता है। हाल के वर्षों में हिंद महासागर की परिधि में शामिल देशों में जलीय कृषि उद्योग समुद्री ग्रीष्म लहरों से प्रभावित हुआ है और मछलियों के मरने की दर बढ़ गई है।समुद्र में मछलियों की मात्रा कम होने से मछुआरों की आजीविका भी प्रभावित हो रही है।गर्म होते महासागरों के कारण अत्यधिक तीव्र चक्रवात जन्म लेते हैं।वर्ष 2014 में मानसून के बाद दर्ज किया नीलोफर इस क्षेत्र में अपनी तरह का पहला चक्रवात था। इस चक्रवात से भूस्खलन तो नहीं हुआ, लेकिन इसके कारण पश्चिमी तट पर भारी वर्षा हुई। तेजी से गर्म होने वाले हिंद महासागर के साथ, इस तरह के गंभीर चक्रवातों की संख्या में वृद्धि का अनुमान है, ऐसे में भारत के पश्चिमी तट पर भूस्खलन की आशंका बढ़ सकती है। दुनिया में पहले से ही कई समस्याओं से निपटने के लिए प्रयास जारी हैं और अब ये समुद्री ग्रीष्म लहरें नई चुनौती बन कर सामने आ चुकी है और इसका संबन्ध भी कहीं ना कहीं जलवायु और प्रदुषण से है। ऐसे में और जरुरी हो गया है की हम सब पर्यावरण के प्रति सजग हो जायें। इस विषय पर आपकी क्या राय है हमारे साथ जरूर साझा करें अपने फोन में नंबर 3 दबा कर।अगर यह खबर पसंद आयी तो लाईक का बटन जरूर दबायें।