दुमका से शैलेन्द्र सिन्हा साथ में सूरजमुखी वर्मा झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला हिंसा पर कहती है की महिलाओ पर हिंसा की जा रही है उन्हें डायन कह कर प्रताड़ित किया जाता है महिला होने के नाते भी उन्हें राजनीती नहीं करने दी जाती है प्रवेश नहीं मिलता है. लोग ऐसा सोचते है की महिलाऐ अपने कार्य को नहीं कर सकती है महिला आरक्षण बिल पर कहती है की महिलाओ को आरक्षण मिलना चाहिए,समाज को जागरूक करने की जरुरत है महिलाओ को शिक्षित करने की जरुरत है क्योकि अभी भी ग्राम स्तर पर महिलाये काफी अशिक्षित है शिक्षित होगी तभी तो अपने अधिकारो को जानेंगी।