दुमका:दिलीप कुमार मुर्मू झारखण्ड मोबाइल वाणी में यह जानकारी दे रहे है कि होली के समान उनके संथाली सामाज में एक 'बहा' पर्व मनाया जाता है।जब फूलो की नई कोपलें निकलती है। तब लोग उल्लासित होते है और यह साल का पहला पर्व होता है और आज से इसकी शुरुआत हो रही है आज संथाल समाज में देवी देवताओं के लिए एक छोटा सा घर बनाया जाता है ताकि उनको कुछ अराम मिले गर्मी बरसात में वो बचे, इस तरह की मान्यता है कि हमारे भगवान हमारे लिए कास्ट सहते है इस लिए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।उनकी पूजा अर्चना के बाद दुसरे दिन पुरोहित (नाइके) के पैरो को धोया जाता है और वे साल के फूल स्वीकार करते है। उसके बाद वापस आकर उनके घर में थोड़ी से पूजा अर्चना होती है और प्रसाद के रूप में हडिया सारे गाँव वालो को पिलाते है।