झारखण्ड राज्य के गोड्डा जिले से अनुजा दुबे जी मोबाइल वाणी के माध्यम से महिलाओ के लिए एक दिन कविता की सराहना करते हुए कहतीं है। मालाओ को आज़ादी का एक दिन ज़रूर मिलना चाहिए। महिलाओ के अंदर भी बहोत कुछ करने की इक्क्षा होती है लेकिन घर परिवार के कार्यो के कारण वे अपनी इकक्षाओ को पूरा नहीं कर पातीं है। इसलिए महिलाओ को आज़ादी का एक दिन ज़रूर मिलना चाहिए।