झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के पेतरवार से नागेश्वर महतो झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि स्वछता और स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक हैं। अपने मन,घर के साथ गांव व पर्यावरण को भी स्वच्छ रखना सभी का दायित्व हैं। इन दायित्व का ईमानदारी पूर्वक निर्वाहन करने पर ही स्वच्छ शरीर और समाज की कल्पना की जा सकती हैं। जीवन में स्वछता के साथ स्वस्थ रहना एक बड़ा वरदान हैं। परन्तु यह खुद पर निर्भर करता हैं कि स्वछता के साथ स्वस्थ जीवन किस अनुसार व्यतीत करें। स्वस्थ शरीर में ही स्वच्छ मस्तिष्क का निवास होता हैं। वर्त्तमान में सरकार द्वारा लोगों में स्वछता की लौ जलाने के लिए कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।परन्तु आधे से अधिक संख्या में लोग स्वछता व स्वास्थ्य से अनभिज्ञ हैं। देखा जा रहा हैं कि लोग अंधा-धुंद पेड़ो की कटाई कर रहे हैं,कूड़ा-कचड़ा इधर उधर फैला रहे हैं एवं खुले में शौच कर रहे हैं। इससे मालूम पड़ता हैं की लोग अभी भी स्वछता एवं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं हैं।अधिकारी झाड़ू उठा कर स्वछता की भावना लोगों में उत्पन कराने का स्वांग भरते हैं। सरकार द्वारा मिलने वाली शौचालय की सुविधा हर जरूरतमंद परिवारों तक अभी तक नहीं पहुँच पाई हैं।अधिकारी व जनता अपने स्वास्थ्य व स्वछता के प्रति निष्ठापूर्वक लगातार प्रतिद्वध रहे हैं। अगर सरकार का सहयोग व जागरूकता मिशन सही दिशा में चले तब ही पीढ़ी दर पीढ़ी में स्वास्थ्य व स्वछता के प्रति जागरूकता क़ायम रहेगी। पर्यावरण की सुरक्षा हेतु वन पर्यावरण अधिनियम का अनुपालन करते हुए "पेड़ लगाओ और जीवन बचाऒ के तर्ज़ पर लोगों को आगे बढ़ना चाहिए।