झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के तोपचांची प्रखंड से रविंद्र महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि व्रजपात ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में होता है और इससे जन-जीवन बहुत प्रभावित होता है,यहाँ तक कि हर साल इसकी चपेट में आने से सैकड़ों जीव-जंतुओं और प्राणिओं की जान चली जाती है। वज्रपात से होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने घनी आबादी वाले इलाकों में स्थित भवनों पर बिजली संरक्षण उपकरणों को लगवाया है ,परन्तु सभी उपकरण उचित देखभाल एवं रख-रखाव के अभाव में चोरी हो गए।साथ ही रविंदर महतो ने वज्रपात से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव साझा करते हुए बताया कि बारिश के दौरान आकाशीय बिजली के चमकने पर घरों में बिजली द्वारा चलने वाली चीज़ो को प्रयोग में नहीं लाना चाहिए। साथ ही यदि खुली जगह पर हो तो, बारिश से बचने के लिए सिमट कर और अपनी दोनों एड़ियों को सटा कर बैठ जाए और अपने अंगूठे से दोनों कानो को बंद करलें ।अगर संभव हो,तो बारिश के वक़्त घर से बाहर न निकलें । धातु से बनी कोई भी आभूषणों का प्रयोग ना करें।यदि कोई व्यक्ति व्रजपात का शिकार हो जाते हैं,तो अविलम्ब उस व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए मिट्टी या आलू का लेप उसके पूरे शरीर में लगाना चाहिए एवं तुरंत ही निकट के अस्पताल में ले जाना चाहिए।