झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से सुषमा कुमारी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि नशा एक अभिशाप है, यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। नशे के लिए समाज में शराब, जर्दा, गुटखा, तम्बाकू और धूम्रपान जैसे घातक पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है। इन जहरीले और नशीले पदार्थों के सेवन से युवाओं को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि पहुंचने के साथ ही इससे सामाजिक वातावरण भी लगातार प्रदूषित होता जा रहा है। साथ ही स्वयं और परिवार की सामाजिक स्थिति को भी भारी नुकसान पहुंचता है, इतना ही नहीं नशे के आदी को समाज में हेय की दृष्टि से भी देखा जाता है, जिसके चलते उसकी समाज एवं राष्ट्र के लिये उपयोगिता शून्य हो जाती है। वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है तथा शांतिपूर्ण समाज के लिए अभिशाप बन जाता है। नशा अब एक राष्ट्रीय विकराल समस्या बन गयी है, विशेषकर युवा वर्ग बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। युवाओं के लिए नशा फैशन सा बन गया है, जिसके कारण उनका परिवार तो बर्बाद होता ही है साथ ही उनका कैरियर भी चौपट हो रहा है।इसकोे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि आजकल नौजवान शराब और धूम्रपान को फैशन और शौक के रूप में अपना लेते हैं।सरकार भी युवाओं के बढ़ते नशाखोरी की ओर ध्यान नहीं देती है। साथ में नशाखोरी परिवारवालों के कारण भी होती है परिवारवाले आज कल युवाओं की ओर ध्यान नहीं देतें है। अतः सरकार और समाज को युवाओं में बढ़ती नशाखोरी को रोकने के लिए जागृत होना चाहिए इससे देश और समाज दोनों का भला होगा।