झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के तेनुघाट अनुमंडल से सुषमा कुमारी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि राज्य में लाह की खेती की स्थिति औसत दर्जे की है।यहां पर लोग बहुत कम मात्रा में लाह की खेती करते हैं।इसका मुख्य कारण यह है कि लाह की खेती करना किसानों के लिए लाभदायक नहीं हो रहा है।चूँकि यहाँ के किसानों को लाह की खेती के बारे में सही जानकारी नहीं है और न ही यहां के सरकार इस मामले पर कुछ ख़ास ध्यान नहीं दे रही है।हां यह अलग बात है कि राज्य के कुछ क्षेत्रों में लाह की खेती की जाती है यही वजह है कि वर्तमान समय में लाह के बने सामान बाज़ारों में देखने को मिल रहा है और लोग इसका लाभ भी उठा रहे हैं।साथ ही वे कहती हैं कि हमारे पूर्वज लाह की खेती किया करते थे लेकिन लाह की खेती करना धीरे-धीरे लोग छोड़ रहे हैं।चूँकि इसके लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं है।अतः वे कहती हैं कि लाह की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार को और अधिक ध्यान देने की जरुरत है। सरकार द्वारा लाह की खेती करने वाले किसानों को विशेष प्रशिक्षण तथा आवश्यक सामग्री देकर लाह की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर इस क्षेत्र में और अधिक सरकारी सुविधा देनी चाहिए।