झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला के तोपचाँची प्रखंड से रविंदर महतो मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि तोपचाँची प्रखंड एक पठारी इलाका है।यहाँ शुद्ध जल प्राप्ति के लिए कुआं चापानल तथा नदी आदि का लोग इस्तेमाल करते हैं । परन्तु गर्मी के दिनों में प्रायः सभी कुआँ सुख जाते हैं। चापानल से भी पानी निकलना बंद हो जाता है।साथ ही दो से तीन सौ फीट गहराई पर भी बोरिंग करने से पानी नहीं मिलता।वे कहते हैं कि तोपचाँची में एक बड़ा झील है जिसे अंग्रेजो ने बनाया था। इस झील से पानी की सप्लाई झरिया व धनबाद शहरों में किया जाता है लेकिन इससे स्थानीय लोगो को कोई लाभ नहीं मिलता। तोपचाँची प्रखंड ग्रामीण इलाका होंने के कारण लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है।कहीं कहीं सोलर टेंक लगाए गए हैं जिससे लोगों को जल आपूर्ति किया जाता है। पानी की समस्या को दूर करने के लिए ऐसे क्षेत्रों को जहाँ जल का खुद भण्डार है,चिन्हित कर पाईप बिछा कर जलापूर्ति योजना के तहत ग्रामीणों को लाभ दिया जा सकता है। अथवा पेयजल संकट से मुक्ति पाने के लिए यमुना नहीं और तोपचाँची झील से जल आपूर्ति किया जा सकता है।