झारखंड राज्य के धनबाद जिला से रानी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि शिक्षा एक ऐसा हथियार है, जिससे सही और गलत में फर्क करने की सीख मिलती है।वर्तमान समय में उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षित होना बेहद अनिवार्य है।ये तो हम सभी जानते हैं लेकिन बच्चों में अभी इतनी समझ नहीं है कि वो इसके महत्व को समझ सकें।हमारे सविंधान के 86वें संशोधन में शिक्षा का अधिकार अधिनियम को वर्ष 2009 में पुरे देश भर में लागू किया गया।लेकिन इस अधिनियम के तहत किये गए प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है चूँकि स्कूलों में वर्तमान स्थिति यह है कि एक ही शिक्षक पर 4 कक्षा का भार होता है। जिससे सरकारी स्कूलों में शिक्षा का लाभ सही रूप में बच्चों को नहीं मिल पाता है।ऐसे में बच्चों की पढ़ाई कैसी होगी यह विचारणीय विषय है। वे कहती हैं कि सरकारी स्कूलों में गरीब परिवार के बच्चें पढ़ते हैं,ना की किसी अफसर और विधायक के बच्चें। और शायद यही वजह है कि स्कूल प्रशासन,जन प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन द्वारा इस मामलें पर कोई कार्यवाही भी नहीं की जाती है।आज के समय में अगर हमारे देश के बच्चें ही कमजोर रहेंगे तो हमारे देश का भविष्य कैसे उज्जवल होगा ? इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।इस परिस्थिति को सुधारने के लिए सरकार को प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।