झारखण्ड राज्य के धनबाद जिले से कंचन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि आजादी के बाद आज शिक्षा में काफी बदलाव आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर में काफी सुधार आया है। गाँवों में शिक्षा के प्रति लोगों में काफी जागरूकता देखने को मिल रही है, क्योंकि पहले गाँवों में शिक्षा प्राप्त करने हेतु कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। परन्तु आज शहरों की अपेक्षा गाँवों में शिक्षा की हर सुविधा दी जा रही है जैसे-जगह-जगह पर स्कूल बनाई गई है, कम उम्र के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी की सुविधा दी जा रही है।ताकि भारत वर्ष में शिक्षा का ऊपर हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि यहाँ की कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। आज भी देश के 70% आबादी केवल कृषि पर ही आधारित है। आजादी के इतने साल बाद भी कृषि कार्य करने वाले किसानों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। जिसकी सुधार करने के लिए सरकार तरह-तरह के कार्यक्रम चला रही है, परन्तु किसानों तक इसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। जिस कारण किसानों स्थिति दिन प्रतिदिन ख़राब होने के कारण किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जा रहे हैं। अतः सरकार किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए जल्द से जल्द कोई कठोर कदम उठाएं।