जिला ईस्ट सिंहभूम के जमशेदपुर प्रखंड से सोनावली मुर्मू ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि 16दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुई गैंग रेप जैसी घटना से देश में मातम छा गया जिसके कारन देश के हर कोने में महिला पुरुष जमकर विरोध करने लगे सरकार से न्याय और महिला सुरक्षा की मांग करने लगे तो सरकार ने इस हिंसा को रोकने के लिए कई कदम उठाए और कानून भी बनाए पर यदि आज गोर किया जाए तो महिला हिंसा रुकने के बजाए बढ़ता जा रहा है।हर दिन ऐसी घटना सुनने को मील रही है।पहले हर महिला को घरो के बाहर डर लगता था।लेकिन देखा जाए तो महिला अपने घरो में भी सुरक्षित नहीं है।तो क्या? माँ बाप इसी दिन को देखने के लिए बेटी को जन्म देते है।इतना दर्दनाक दिन से तो अच्छा है की बेटी को गर्भ में ही मार दिया जाए।यदि सरकार चाहती है की महिला हिंसा ना हो तो सिर्फ कानून बनाने से नहीं बल्कि इसपर अमल भी करना चाहिए और अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा दे।