राज्य झारखंड,जिला हजारीबाग के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि देश की प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत है। झारखंड में भी पंचायती राज अधिनियम 2001 के तहत गाँव के चहुमुखी विकास के लिए पंचायत चुनाव हुआ है।पंचायतों में पंचायत भवन तो बन गए है, साथ ही कई महत्वपूर्ण बैठक, सार्वजनिक कार्यकर्मो का आयोजन पंचायत भवनों में होता है।पुरे प्रदेश में कुल चार हजार पांच सौ बारसठ पंचायत भवन बन का निर्माण हुआ है। जिसमें से मात्र दो हजार पंचायतों में व्यवस्थित ढंग से सभी कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है। पंचायत सचिव के अभाव में एक पंचायत सेवक को चार पंचायत का कार्य भार सरकार द्वारा सौंपा गया है । जिस कारण स्थायी रूप से कई पंचायत भवन बंद है और इन भवनों को जरुरत के अनुसार ही खोला जाता है। जबकि झारखण्ड सरकार ने निर्देश जारी किये है कि पंचायत प्रतिनिधि और पंचायत सचिव को नियमित रूप से पंचायत में बैठ कर सरकार की योजनाओं का और सभी विभागों की जन-कल्याणकारी योजनाओं के बारे में मजदूर किसान खासकर बेरोजगार, बुजुर्गों और महिलाओं को जानकारी देने की जरूरत है।पंचायत प्रतिनिधि अपने कर्तव्य अधिकार के जानकारी के आभाव में चहुमुखी विकास नहीं कर पा रहे हैं। जिस वजह से सड़क, पुल-पुलिया, कुटीर उद्योग का विकास व्यवस्थित ढंग से नहीं हो पा रहा है। सरकार की व्यवस्था और उदासीनता व पंचायत कर्मी के आभाव में पंचायत भवन में कोई भी काम सही से नहीं हो पा रहा है।