जिला धनबाद के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि, हमारी भेषभूसा एवं हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। परन्तु आज हम सभी पश्चिमी देशों के भेषभूसा पर अधिक ध्यान देने लगें हैं जिनके कारण हमारी संस्कृति धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है।अतः सभी अभिभावकों को यह जरुरी है कि, वे अपनी संस्कृति को याद रखते हुए,अपने पहनावे को ध्यान में रखते हुए उसे विलुप्त ना होने दें।भारत में पुरुषों का भेषभूसा धोती-कुर्ता एवं महिलाओं का सूती साड़ी है इसे नहीं भूलना चाहिए।आज यह देखा जाता है कि लोग अधिक समय टीवी में पश्चिमी देशों की बाते सुनते,करते और देखते रहते हैं जिसके कारण भी आज लोग अपने देश की सभ्यता को पीछे छोड़ दे रहें हैं।हमें अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है।सरकार की ओर से भारतीय संस्कृति को जीवित रखने के लिए समय-समय पर किसी उत्सव एवं समारोह में इसकी चर्चा करें।