जिला बोकारो, प्रखंड पेटरवार से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि बदलते समय के साथ वर्तमान में परम्परागत खाद के जगह रासायनिक खाद का अधिक प्रयोग किया जाता है। इसके पीछे एक मुख्य वजह है देश में बढ़ती जनसँख्या।अधिक जनसँख्या बढ़ने की वजह से खाने की सामग्री में कमी आने के कारण किसान रासायनिक खाद का उपयोग करके अधिक फसल उपजाऊ कर रहें हैं।लेकिन किसान अपने खेतों से अधिक उपज बढ़ाने के लालच में कीटनाशक दवा तथा रासायनिक खाद के प्रयोग कर खुद के खतों को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।साथ ही राज्य में रासायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाओं का प्रयोग बढ़ने के पीछे एक वजह यह भी है कि राज्य के किसानों को सही मात्रा में कीटनाशक दवा एवं रासायनिक खाद का प्रयोग करने की जानकारी नहीं दी जाती है। और अगर मिलती भी है ,तो वह जानकारी उपयोग लायक नहीं होती है। अतः किसानों को खेतों में उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए पोटास का प्रयोग करना चाहिए साथ ही खेतों में फसल बदल-बदल कर भी लगानी चाहिए जैसे साल में एक बार दलहन या अरहड़ अवश्य लगाना चाहिए। गड्ढों में डाला गया कूड़ा कचड़ा को गला कर खाद बना कर खेतों में अवश्य डालना चाहिए। साथ ही खेतों में गोबर खाद का प्रयोग करना चाहिए।