जिला बोकारो प्रखंड पेटरवार से सुषमा कुमारी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों में सामंजस्य के आभाव के कारण विकास के कार्य अवरुद्ध होते है।पंचायत प्रतिनिधियों में आपसी लगाव बहुत कम होता है साथ ही उनमे ईर्ष्या और द्वेष की भावना भी रहती है।जैसे की किसी योजना से सम्बंधित जानकारी के बारे में हम क्यों पूछने जायेंगे या फिर वे मेरे पास आयेंगे, इस तरह की भावना छिपी रहती है।जिसका सीधा असर जनता के विकास के कार्यो पर पड़ता है।इसके लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है ,तथा एक दूसरे के साथ सामंजस्य बना कर विकास के कार्यो में अपनी अपनी भूमिका निभाने की जरुरत है। अक्सर देखा जाता है की पंचायत प्रतिनिधियों के पास संसाधनों का भी आभाव रहता है।अत: सरकार को इस पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है।