जिला बोकारो पेटरवार से सुषमा कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि मलेरिया का अधिक खतरा गर्भवती महिला एवं पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को रहता है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने के बाद यदि रोगी को समय पर उपचार नहीं करवाते हैं तो उसकी हालत गंभीर हो सकता है तथा जान जाने का भी डर रहता है।मलेरिया होने से रोगी के शरीर में खून की कमी हो जाती यही जिससे अनीमिया एवं शरीर को कमजोर कर देता है।मलेरिया से बचने के लिए रात में कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी का प्रयोग करे,कीटनाशक पाउडर का छिड़काव करें,गढ़ो में जल जमाव ना होने दें,आस-पास साफई रखें,भोजन करने से पूर्व हांथों को साबुन से धो लें,पानी को गर्म करके रखें।यदि जनता इस तरह के उपचार को अपनातें हैं तो समाज अवश्य मलेरिया मुक्त हो सकेगा।