बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड से किशोरी नायक जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि राज्य में वर्तमान समय में जो प्राथमिक शिक्षा की दुर्दशा है उसके लिए समाज की नजर में आज की शिक्षा पद्धति के साथ-साथ अभिभावक भी पूर्ण रूप से दोषी है। हैं कि किसी भी देश का भविष्य वहां के बच्चों को मिलने वाली प्राथमिक शिक्षा पर निर्भर करता है।और ऐसे में अभिभावको की यह जिम्मेवारी बनती है कि वे अपने बच्चों के शिक्षा के प्रति विशेष ध्यान दे, लेकिन गौर करने वाली बात है कि इस ओर अभिभावकों का कोई ध्यान नहीं होता है।बच्चों का प्राथमिक शिक्षा का नींव मजबूत हो पाये इसके लिए छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, लेकिन विडम्बना यह है कि बच्चे नर्सरी से आठवीं कक्षा तक पहुंच जाते हैं, पर उन्हें बुनियादी शिक्षा का ज्ञान नहीं होता। जाहिर है कि कमजोर नींव पर खड़ी की गयी इमारत कमजोर ही होगी। बच्चों की नींव को मजबूत करने के लिए जरुरी हैं कि उसकी स्थिति को पूरे साल परखा जाना चाहिए एवं प्राथमिक कक्षाओं से ही बुनियादी चीजों पर ध्यान दिया जाना चाहिए