जिला बोकारो चंद्रपुरा से नरेश महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है तथा 70 से 80 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर रहती है।परन्तु देश के अधिकांश राज्यों में मानसून आधारित खेती की जाती है जिसमे, झारखंड राज्य भी एक है। झारखंड में मानसून आधारित खेती की जाती है।बारिस नहीं होने के कारण फसल अच्छी नहीं हो पाती है ,जिसके फलस्वरूप राज्य में बेरोजगारी तथा पलायन की स्थिति उत्पन्न होती है।यूँ तो सरकार की ओर से किसानों को उन्नत,खाद्य,बीज एवं खेती को बढ़ावा देने के लिए अनेकों उपकरण दिए जाते हैं जो मात्र 5 से 10 प्रतिशत ही किसानों तक पहुंच पाती है। और कागजी खानापूर्ति कर सरकार को सौंप दी जाती है। जिस कारण किसानों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इस तरह से कागजों में खानापूर्ति कर विकास की कल्पना करना राज्य की जनता के साथ बेईमानी करने जैसा है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री ने "जय जवान जय किसान का नारा" को बुलंद किया था।आज देश की आत्मा किसानों पर बसा हुआ है।यदि किसान अन्न उपजाना बंद कर दे तो देश के तमाम कल कारखाने बंद हो जाएंगे।