प्रखंड तोपचाँची ,जिला धनबाद से रविंद्र महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से वर्तमान समय में संविधान के चौथे स्तम्भ माने जाने वाले पत्रकारों पर लगातार हो रहे हमले के बारे में कहते हैं कि समाज में हो रही इस तरह की घटना वाकई काफी निंदनीय है। जहां एक ओर पत्रकार समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं कुरीतियों को हटाने में मदद करता है वहीं समाज में घट रही गतिविधि पर 24 घंटे पैनी नज़र रखते हैं और लोगों को अपनी सेवा देते हैं। यह कहा जाता हैं कि कलम की ताकत बुलेट की ताकत से कही अधिक होती है बावजूद इसके पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कानून नहीं है।यही वजह है की आज कलम पर बुलेट हावी हो रहा है और दिनों -दिन पत्रकारों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। वे कहते हैं कि जिस तरह घर का एक नींव अगर गिर जाये, तो उस घर का अस्तित्व मिट जाता है ठीक उसी तरह से अगर संविधान के चौथे स्तम्भ यानि की पत्रकार ही नहीं रहेंगे तो देश के अस्तित्व भी खतरे में पड़ जायेगा। अत: पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरुरत है।