जिला बोकारो के चंद्रपुरा प्रखंड से नरेश महतो जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि आज भी झारखण्ड राज्य में पंचायती राज अधूरा है। गांव में सरपंच और ग्राम कचहरी के नही होने से छोटे-छोटे झगड़ो का समाधान थाने में नही होता है, जिससे किसी को भी न्याय नही मिलता है, सिर्फ थाने के नाम पर मुकदमा शुरू हो जाता है जिससे लोगो को निपटने के लिए सालो-साल लग जाते है, लेकिन फिर भी उचित न्याय नही मिलता है । राज्य में ऐसे सैकड़ो-हज़ारो की संख्या में मुकदमे चल रहे है जिसका अभी तक निपटारा नही हो सका है। सिर्फ कोट-कचहरी के दलाल मासूस इंसानो के खून चूस रहे है, ऐसे में ग्राम कचहरी एवं सरपंच का होना अति आवश्यक है ताकि भोले-भाले मजदूर किसानों के झगड़े थाने में ना पहुँचे तथा कोट-कचहरी से परेशान ना हो। 2001 पंचायती राज्य अधिनियम के तहत सरपंच का चुनाव हो जाये तो उन्हें पंचायती करने का पूर्ण अधिकार है। ग्राम कचहरी बुलाकर पंचायतो में झगड़ो का समाधान किया जा सकता है, सही फैसला सुनाया जा सकता है ताकि लोगो लंबे समय और पैसो की बर्बादी से बचेंगे तथा लोगो को न्याय मिलने में देर नही होगी।