दुमका से शलेन्द्र शिन्हा जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाह रहे है कि घरेलु हिंसा क्या है? किसी भी महिला कन्या को किसी भी पुरुष द्वारा मानशिक या शारीरिक चोट या नुकशान पहुचाने पर यह घरेलु हिंसा के तहत मुक़दमा बनता है|शारीरिक यौनिक हिंसा के साथ ही मौखिक भावनात्मक और आर्थिक रूप से कि गई हिंसा भी घरेलु हिंसा कहलाती है| कानून के तहत घरेलु हिंसा महिला थाने में महिला कोषांग के समक्ष लाया जाता है| ऐसे ब्यस्क पुरुष के खिलाफ जो किसी महिला साथ घरेलु संबंध में है उसके खिलाफ कार्यवाही कि जा सकती है| महिला कोषांग कि बैठक महीने में दो बार होती है महिला कोषांग में अध्यक्ष के रूप में पोलिश उपाधीक्षक प्रत्येक जिले में होते है|कोषांग कांसेल्लिंग के माध्यम से घरेलु हिंसा के मामले को निपटता है|