झारखण्ड राज्य के जिला धनबाद प्रखंड बाघमारा से बीरबल महतो जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बड़े शहरों की अपेक्षा गावों में बहुत कम मजदूरी दी जाती है। गांवों में बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि लोगों को रोजगार के लिए तरसना पड़ता है।राशन दुकान में काम करने वाले मजदूरों को मात्र दो से तीन हज़ार रुपया ही दिया जाता है,जिससे उनके परिवारों का पालन पोषण नहीं हो पता है। विद्यालयों और छोटे छोटे उद्योगों में श्रमिकों को बहुत कम पैसे दिए जाते है जिससे उन्हें संतुष्टि नहीं होती है और ऐसे में श्रमिक अपने राज्य को छोड़ कर दूसरे राज्य जाना चाहते हैं। वे कहते हैं कि झारखण्ड में यदि कोई उद्योग लगाया जाये तो यह श्रमिकों के लिए बहुत ख़ुशी की बात होगी क्योंकि बड़े शहरों द्वारा लगाए गए उद्योग से यहाँ की बेरोजगारी दूर होगी तथा उचित मजदूरी भी मिलेगी।झारखण्ड सरकार के अलावा केंद्र सरकार को भी ध्यान देना चाहिए कि राज्य के प्रतेक मजदूरों की मजदूरी एक सामान हो ताकि किसी को असंतुष्टि ना हो,जिससे वे पलायन ना करें।झारखण्ड जी कि खनिजों से परिपूर्ण हैं परन्तु झारखण्ड में रहने वाले लोग गरीब हैं।अतः झारखंडियों के लिए कुछ कलकारख़ाने लगाए जाये जिसके द्वारा यहाँ की बेरोजगारी दूर की जा सके

झारखण्ड राज्य के जिला हज़ारीबाग़ गाँव इचाक से टेक नारायण प्रसाद कुशवाहा झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि सरकार द्वारा देश में अंतरिम बजट पेश किया गया। लेकिन यह बजट मुख्य रूप से जनता के लिए एक धोखा के समान है। क्योंकि देखा जाता है की जब बजेपी की सरकार बनी तो केवल महंगाई को कम करने की बात कही गई थी। साथ ही कालाधन वापस करने की बात कही गई थी। लेकिन आज वर्तमान समय में इसकी विपरीत स्थिति नजर आ रही है। इससे घरेलु कार्य संभालने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। जहाँ दाल का मूल्य सस्ता था वहीं इसकी कीमत में काफी इजाफा हो गया है साथ ही किरासन तेल के मूल्य में भी बढ़ोत्तरी हो गई है। इससे किसानो के साथ-साथ आम जनता को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि कुछ दिन पहले गुजरात में जो घटना हुई है वह काफी दुःखदाई है।राज्य के किसी भी कोणे में सभी को रोजगार करने और जीने का अधिकार प्राप्त है। यह बात सविधान में भी कहा गया है की हर इंसान को सम्मान के साथ जीने,सम्मान के साथ रहने और सम्मान जनक अपनी जिंदगी को गुजर बसर करना चाहिए। यदि किस कारणवश किसी के साथ कोई भी घटना घट जाती है, तो ऐसी परिस्थिति में केवल एक ही लोग के ऊपर ही करवाई करनी चाहिए ना की सारे समाज के ऊपर। हमारे देश में मजदूरों का स्थान सबसे अहम माना गया है। हिन्दू,मुश्लिम,सिख,ईसाई सबके ऊपर उठ कर एक लेबर ग्रेड का कार्य किया जाता है जो सभी लोगों के लिए एक ईट का काम करते हैं।और ऐसे लोगों को मजबूर कर एक शहर से दूसरे शहर में भगा दिया जाता है जोकि नहीं होना चाहिए। सभी को एक समान अधिकार दिया जाना चाहिए। यह मानना चाहिए की मजदुर के बिना कोई भी काम का हो पाना सम्भव नहीं होता है। यदि मजदुर अपने काम के दौरान कोई भी गलती करते हैं तो उनके लिए कानून बनाई गई है जो उन पर त्वरित करवाई करती है। ऐसी परिस्थिति में समाज और सरकार को यह समझना चाहिए की पुलिस प्रशासन भी दोषी मजदुर पर सख्त करवाई कर उन्हें वापस उनके घर भेज दें। अतः एक मजदुर की सजा सभी को नहीं देना चाहिए क्योकि मजदुर अपने परिवार के कारण ही दूसरे राज्य में पलायन करने को मजबूर होते हैं।