जैसा की आपको पता ही है की वसंत ऋतू को ऋतुओं का राजा कहा जाता है और वसंत पंचमी का त्यौहार भी वसंत ऋतू में ही मनाया जाता है जी हां दोस्तों बसंत पंचमी मुख्य रूप से प्रकृति और भारतीय परंपरा से जुड़ा हुआ त्योहार है, जो बसंत के आने तथा ठंडी के जाने का संकेत देता है,जब फूलों पर बहार हो , जौ और गेहूं की बालियां खिलने लगती हैं, खेतों में सरसों और आमों के पेड़ों पर बौर आने लगते हैं तब वसंत पंचमी का त्योहार आता है।बसंत उत्सव बसंत ऋतु की ताजगी एवं खूबसूरती का उत्सव होता है इसका आगमन सभी के मन में एक अलग ही तरह की सकारात्मक ऊर्जा भर देता है। यह खुशियों के साथ-साथ शिक्षा, ज्ञान और समृद्धि का भी त्योहार है। इस दिन शहरों ,गांवों ,टोलो और कस्बों में सभी लोग खास कर नवयुवक और विद्यार्थीगण छोटे छोटे बच्चे माँ सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं.तो आइये हम सब भी इस खुशनुमा ऋतू और उत्सव का आनंद उठाये। साथियों आप सभी को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से बसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं।

जी हां साथियों आपको बता दे कि आगामी दिन बुधवार से बसंत पंचमी का आयोजन होना है ऐसे में आज विभिन्न मूर्तिकारों के पास से मां सरस्वती विद्यादायिनी की प्रतिमा अपने स्थल पर पहुंची जहां उनको रखना है वही आपको बता दे की आज मूर्ति ले जाते वक्त युवाओं की टोली भक्ति में दिखी!

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दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक तुझ मे जान है संविधान से ही भारत बना गणतंत्र इससे ही है हर नागरिक स्वतंत्र जी हा दोस्तों, गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो 26 जनवरी को मनाया जाता है। जैसा की आप सबको पता ही है कि आज पूरा देश 75 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस ख़ास मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को मुख्य अतिथि के रूप आमंत्रित किया गया हैं। आज ही के दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। इस ख़ुशी के मौके पर देश के हर कोने मे ,प्रत्येक स्कूलों, कॉलेजों शैक्षिक संस्थानों के आलावा सभी कार्यालयो में झंडे फहराये जाते है और कई रंगारंग कार्यक्रम भी किये जाते हैं। विश्व भर में फैले हुए भारतीय मूल के लोग तथा भारत के दूतावास भी गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।,तो आइये शांति- सदभाव और पुरे हर्षोउल्लास के साथ इस गणतंत्र दिवस को मनाये ,साथियों ,मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी श्रोताओं को गणतंत्र दिवस की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं ।

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मकर संक्रांति की खरीदारी को लेकर दो-तीन दिनों में प्रमुख इलाकों में भीड़ बढ़ी हुई है। रविवार को भी चूड़ा-गुड़ से लेकर तिलकुट की दुकानों पर भीड़ रही। तिलकुट के लिए दुकानों में भीड़ नजर आयी। इसी तरह चूड़ा-गुड़ आदि की खरीदारी के लिए पुरानी गोदाम की खुदरा से लेकर फुटपाथी दुकानों पर कड़ाके की ठंड के बीच खरीदारी करते नजर आए।

भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से सोमवार को मकर संक्रांति मनायी जाएगी। सभी पंचागों के अनुसार 15 जनवरी की सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पुण्यकाल है। सोमवार को मकर संक्रांति मनेगी। सुबह सूर्योदय के बाद से शाम तक चूड़ा-दही व तिलकुट आदि खाना शुभ होगा। मकर संक्रांति पर खाने से पहले पूजा-पाठ, हवन और दान-पुण्य का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति पर शहर के प्रमुख मंदिरों में भीड़ होगी। पुण्यकाल में पूजन व दान-पुण्य से प्रसन्न होते हैं भगवान सूर्यआचार्य श्री नवीनचंद्र मिश्र ने बताया कि सोमवार की सुबह से शाम तक पुण्यकाल है। सनातन धर्म में मकर संक्रांति विशेष महत्व है। 12 राशि में सूर्य घूमते हैं। जिसमें मकर राशि में प्रवेश करने के बाद इनके पूजन का महत्व बढ़ जाता है। इसलिए मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल में पूजा के साथ दान-पुण्य करने से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं। साकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। आचार्य ने कहा कि मकर राशि के सूर्य होते ही सूर्यदेव उतरायण हो जाते हैं और देवताओं के दिन और दैत्यों के लिए रात शुरू हो जाती है। खरमास खत्म होने के साथ ही सौर्य माघ मास शुरू हो जाता है। सारे मांगलिक काम शुरू हो जाएंगे।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

चेनारी प्रखंड मुख्यालय स्थित होली फैमिली चर्च और प्रखंड क्षेत्र की विभिन्न चर्चों में क्रिसमस डे पर कार्यक्रमों की धूम रही।

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