जिला मधुबनी से विवेक कुमार सिंह मधुबनी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बिहार शिक्षा बोर्ड में पैटर्न के बदलाव से शिक्षा में सुधार होगा।रिजल्ट अच्छा होगा, लेकिन कमजोर बच्चे सफल नहीं हो पाएंगे। परीक्षा पर शिक्षा माफिया की विशेष नजर रहती है। दूसरे को पास कराने के लिए पैसा लेकर खुद परीक्षा में बैठ जाते है जिससे शिक्षा का स्तर ख़राब होता जा रहा है।

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जिला मधुबनी,से रामानंद सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मधुबनी जिले के नदियों के जलस्तर में जहाँ कमी होने की खबर मिल रही है, वहीं हरी सब्जियों सहित प्याज और आलू की कीमतें आसमान छूने लगी है।बाढ़ के कारण लोगो को ह्री सब्जियां उपलब्ध नहीं हो रही है जिस कारण अभी सभी सब्जियाँ बाज़ारों में ऊँचे दामों में बिक रही है।किसानो ने भी खरीफ धान की उत्पादन से निराशा जाहिर किया है।राजनगर के किसानो का कहना है की इस वर्ष बिचड़ा भी नहीं बचा है और रोपे गए धान भी गल चुके है। ऐसी स्थिति में खरीफ धान के उत्पादन नहीं होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।और जहाँ कहीं भी बिचड़ा मिल रहा है वह तीन से चार हजार रुपये प्रति कट्ठा मिल रहा है।इस स्थिति में किसानो का कहना है की खर्च के बाद उत्पादन से कोई लाभ नहीं होगा।यहाँ पर तीन-चार दिनों से बारिश नहीं हो रही है फिर भी टोलों-मुहल्लों में आज भी पानी जमा हुआ है।मधेपुर प्रखंड की स्थिति तो और भी ख़राब है यहाँ नाव की अनुपब्लधता के कारण घरो से निकलना समस्या बना हुआ है।यहाँ तक की शौच जाने की जगह भी कहीं नजर नहीं आ रही है।लोगो को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हालाकिं प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है।

जिला मधुबनी,से रामानंद सिंह जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि मधुबनी जिले में स्वास्थ्य विभाग की भी अजीबो गरीबो दास्ताँ है।कहीं डॉक्टर है तो कही कम्पाउंडर नहीं है और कहीं कम्पाउंडर है तो डॉक्टर नहीं और अगर दोनों है तो दवा का अभाव रहता है।इसी परिप्रेक्ष में केन्द्र सरकार के प्रायोजित कार्यक्रम में भी जब डॉक्टर नदारत रहा करते है अस्पताल से तो अन्य दिनों की बात ही क्या करना।प्रधानमंत्री सुरक्षा मातृत्व योजना के अंतर्गत पिछले दिनों अंधराठाढ़ी स्थित रेफरल अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परिक्षण किया जाना था।लेकिन जाँच के दौरान अस्पताल में ना तो डॉक्टर दिखे और ना ही लोगो का सही तरीके से स्वास्थ्य परीक्षण ही हुआ।क्योंकि डॉक्टर थे ही नही।और जो डॉक्टर आये थे वो अपना हाजिरी बना कर निकल गए थे।शिविर में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत आधे दर्जन चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए।अस्पताल प्रशासन के मुताबिक पाँच काउन्टर बनाया गया था। फिर भी लोगो के स्वास्थ्य की जाँच नहीं हो सकी । नवजात की जाँच महिला महिला चिक्तिसक को करना था जबकि महिला चिकित्सक दिन में एक बजे के बाद गायब पायी गयी।

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